नौकरी जाने वालों को बेरोजगारी भत्ता देगी सरकार, तीन महीने तक आधी सैलरी, जानें नियम और शर्तें
सरकार ने नियमों को लचीला बनाते हुए यह तय किया था कि कि कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को तीन महीने तक 50 फीसदी तक अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट के रूप में दिया जाएगा। यह फायदा उन कामगारों को मिलेगा जिनकी इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर तक नौकरी चली गई हो। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानि ESIC द्वारा संचालित योजना है। महामारी के दौर में नौकरी गंवाने वालों को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के वर्कर्स को यह सुविधा दी जाएगी। वे तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50 फीसदी क्लेम कर सकते हैं। पहले यह सीमा 25 फीसदी थी।
सरकार ने नियमों को लचीला बनाते हुए यह तय किया था कि कि कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को तीन महीने तक 50 फीसदी तक अनएम्प्लॉयमेंट बेनिफिट के रूप में दिया जाएगा। यह फायदा उन कामगारों को मिलेगा जिनकी इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर तक नौकरी चली गई हो। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानि ESIC द्वारा संचालित योजना है। महामारी के दौर में नौकरी गंवाने वालों को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के वर्कर्स को यह सुविधा दी जाएगी। वे तीन महीने के लिए औसत सैलरी का 50 फीसदी क्लेम कर सकते हैं। पहले यह सीमा 25 फीसदी थी।
कैसे मिलेगा फायदा
ईएसआईसी अपने डेटा के मुताबिक बेरोजगार कामगारों को यह फायदा देगा, लेकिन इसके लिए कर्मचारी किसी ESIC शाखा में जाकर सीधे भी आवेदन कर सकते हैं और उचित वेरिफिकेशन के बाद उनके बैंक खाते में सीधे रकम पहुंच जाएगी. इसके लिए आधार नंबर की भी सहायता ली जाएगी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार कोरोना संकट की वजह से करीब 1.9 करोड़ लोग नौकरियां गंवा चुके हैं। सिर्फ जुलाई महीने में ही 50 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं।
ईएसआईसी अपने डेटा के मुताबिक बेरोजगार कामगारों को यह फायदा देगा, लेकिन इसके लिए कर्मचारी किसी ESIC शाखा में जाकर सीधे भी आवेदन कर सकते हैं और उचित वेरिफिकेशन के बाद उनके बैंक खाते में सीधे रकम पहुंच जाएगी. इसके लिए आधार नंबर की भी सहायता ली जाएगी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार कोरोना संकट की वजह से करीब 1.9 करोड़ लोग नौकरियां गंवा चुके हैं। सिर्फ जुलाई महीने में ही 50 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं।
कितना पड़ेगा बोझ
साथ ही इस योजना को 1 जुलाई, 2020 से एक साल के लिए बढ़ाया गया है और यह 30 जून, 2021 तक प्रभावी रहेगी। हालांकि 1 जनवरी, 2021 के मूल प्रावधान बहाल हो जाएंगे। इस योजना से 41,94,176 कामगारों को फायदा मिलने की उम्मीद है जो संशोधित शर्तों के तहत इस योजना के दायरे में आ गए हैं और इससे ईएसआईसी पर 6710.68 करोड़ रुपये को बोझ पड़ेगा। ESIC श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला एक संगठन है जो 21,000 रुपये तक के कर्मचारियों को ESI स्कीम के तहत बीमा मुहैया करता है।
साथ ही इस योजना को 1 जुलाई, 2020 से एक साल के लिए बढ़ाया गया है और यह 30 जून, 2021 तक प्रभावी रहेगी। हालांकि 1 जनवरी, 2021 के मूल प्रावधान बहाल हो जाएंगे। इस योजना से 41,94,176 कामगारों को फायदा मिलने की उम्मीद है जो संशोधित शर्तों के तहत इस योजना के दायरे में आ गए हैं और इससे ईएसआईसी पर 6710.68 करोड़ रुपये को बोझ पड़ेगा। ESIC श्रम मंत्रालय के तहत आने वाला एक संगठन है जो 21,000 रुपये तक के कर्मचारियों को ESI स्कीम के तहत बीमा मुहैया करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you for your opinion