मंगलवार, 18 अगस्त 2020

स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स यूज कर रहे हैं तो हो सकता है फोन हैक सावधान हो जाये

इन दिनों फोन एक्टिविटी शेयरिंग ऐप या स्क्रीन शेयरिंग ऐप काफी पॉपुलर हो रही है। प्ले स्टोर पर ऐसी कई ऐप्स मौजूद हैं, इन ऐप्स के जरिए कुछ ही सेकंड में किसी भी फोन के स्क्रीन कंट्रोल्स अन्य फोन पर लिए जा सकते हैं। कुछ लोग इन्हें दूसरों की मदद के लिए इस्तेमाल करते हैं तो कुछ दूसरों की निगरानी के लिए इन्हें यूज करते हैं, आइए बात करते हैं कौन-कौन सी स्क्रीन शेयरिंग ऐप प्लेस स्टोर पर मौजूद हैं, ये कैसे काम करती है और क्या हैं इनके फायदे और नुकसान....

क्या होती है स्क्रीन शेयरिंग, कैसे काम करती है?
स्क्रीन शेयरिंग का मतलब एक डिवाइस की स्क्रीन और कंट्रोल्स को दूसरे डिवाइस पर पहुंचाना। यह फोन-टू-फोन, फोन-टू-टीवी और फोन-टू-कम्प्यूटर भी हो सकती है।
स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स ज्यादातर फोन, टैबलेट पर काम करती है, कुछ पीसी में भी काम करती हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले दोनों (शेयर किए जाने वाले और एक्सेस करने वाले) डिवाइस में इन ऐप्स इंस्टॉल करना होता है। जिसे डिवाइस को कंट्रोल करना है उसे विक्टिम डिवाइस भी कहा जाता है। विक्टिम डिवाइस में ऐप इंस्टॉल करने पर यह कोड या पासवर्ड जनरेट करता है, जिसे दूसरे डिवाइस में डालने पर यह आपस में कनेक्ट हो जाते हैं। इस प्रोसेस के पूरा करने के बाद विक्टिम डिवाइस में जो भी एक्टिविटी की जाएगी, वो दूसरे डिवाइस में दिखाई देगा।

1. इंकवायर ऐप (Inkwire)

यह ऐप प्ले स्टोर पर लंबे समय से मौजूद है। कंपनी इसे एंड्ऱॉयड स्क्रीन शेयरिंग और रिमोट असिस्ट ऐप भी कह रही है। यह एंड्ऱॉयड ओएस वर्जन 5.0 और उससे ऊपर के वर्जन में काम करेगी। इसे इस्तेमाल करने के लिए दोनों फोन में ऐप होना जरूरी है। ऐप ओपन करते ही दोनों फोन में शेयर और एक्सेस का ऑप्शन दिखाई देगा। शेयर पर क्लिक करते ही एक एक्सेस कोड जनरेट होगा, जिसे दूसरे फोन में डालना होगा। दूसरे फोन में कोड भर कर एक्सेस पर क्लिक करना होगा। ऐसे करने से चंद सेकंड में पहले फोन की गतिविधी दूसरे फोन पर देखी जा सकेगी। इसमें माइक्रोफोन इनेबल करना का ऑप्शन भी मिलता है

2. एनीडेस्क रिमोट कंट्रोल (AnyDesh Remote Control)

इस ऐप को यूज करने के लिए भी दोनों फोन में यह ऐप होना चाहिए। इस्तेमाल करना का तरीका इन ऐप्स में एक जैसा ही होता है। पहले फोन सिर्फ ऐप को ओपन कर होम पेज पर जाना होगा। जबकि विक्टिम फोन में ऐप इंस्टॉल करके मीन्यू ऑप्शन में सेटिंग्स में जाकर Alias और पासवर्ड सेट करने होंगे और इन्हीं, Alias और पासवर्ड को डालना होगा। ऐसा करने से विक्टिम फोन की स्क्रीन दूसरे फोन पर दिखने लगेगी, अब विक्टिम अपने फोन में जो भी एक्टिविटी करेगी, वो आपको अपने फोन में दिखाई देंगी।

3. एयरमिरर ऐप (AirMirror)

यह ऐप भी प्लेस्टोर पर उपलब्ध है और इसे 4.3 स्टार रेटिंग मिली हुई है। यह ऐप थोड़ी अलग है। पहली बताई गई ऐप में जहां दोनों फोन में एक ही ऐप्स इंस्टॉल करना था वहीं एयरमिरर ऐप में दोनों फोन में दो अलग-अलग ऐप्स इंस्टॉल करना होगा। पहले फोन में एयरमिरर ऐप इंस्टॉल करना होगा जबकि विक्टिम फोन में एयरड्रॉय (AirDroid) ऐप इंस्टॉल करना होगा। साइन-अप, साइन-इन प्रोसेस से गुजरने के बाद जब दोनों को ओपन किया जाएगा, तो इनके इंटरफेस में एक-दूसरे के नाम दिखाई देंगे (डिवाइस के नाम)। इसके बाद इसमें कंट्रोल, कैमरा और स्क्रीन मिररिंग का ऑप्शन दिखाई देगा। इनमें से किसी एक ऑप्शन को सिलेक्ट करने के बाद यह आपस में कनेक्ट हो जाएंगी। ऐसे करने से AirMirror ऐप वाले डिवाइस की सारी एक्टिविटी AirDroid ऐप से लैस फोन में दिखाई देंगी।

4. टीमव्यूवर (TeamViewer)

प्लेस्टोर पर इस ऐप को 3.5 स्टार रेटिंग मिली हुई है। इसे इस्तेमाल करना भी आसान है। जिस फोन को कंट्रोल करना है उसमें टीमव्यूवर क्विक सपोर्ट और जिससे कंट्रोल करना है उसमें टीमव्यूवर ऐप इंस्टॉल करना होगा। दोनों ही फोन के इंटरफेस अलग अलग है। टीमव्यूवर क्विक सपोर्ट ऐप को ओपन करने पर एक पार्टनर आईडी जनरेट होगी, जिसे दूसरे फोन की टाइप करना होगा। इसके बाद रिमोट कंट्रोल पर क्लिक करते ही दोनों फोन आपस में कनेक्ट हो जाएंगे। अब टीमव्यूवर क्विक सपोर्ट ऐप से लैस फोन की पूरी स्क्रीन दूसरे फोन से एक्सेस की जा सकेंगी।

5. एपावरमिरर (ApowerMirror)

प्लेस्टोर पर इसे 3.9 स्टार रेटिंग दी गई है। इसे फोन, टीवी और पीसी तीनों के लिए यूज किया जा सकता है। इसे एंड्रॉयड-टू- एंड्रॉयड/आईओएस डिवाइस या आईओएस-टू-आईओएस डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है। इसमें स्क्रीन रिकॉर्डर भी इस्तेमाल किया जा सकता, जो स्क्रीन पर की गई सारी एक्टिविटी रिकॉर्ड करेगा साथ ही इसमें किसी भी समय स्क्रीनशॉट भी लिए जा सकते हैं।

दूसरों को फोन देते वक्त सतर्क रहें
कई बार हमारे दोस्त यार हमसे फोन मांग लेते हैं, लेकिन किसी को भी फोन देते वक्त सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि आपको बिना बताए फोन में स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल की जा सकती है, और पर्सनल चैट, बैंकिंग ट्रांजेक्शन और अन्य निजी गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है।

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